नीतीश कुमार (Nitish Kumar) एक भारतीय राजनेता हैं और बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में कई बार सेवा कर चुके हैं। वे जनता दल (यूनाइटेड) [JD(U)] के प्रमुख नेता हैं और भारतीय राजनीति में सुशासन और विकास के लिए जाने जाते हैं।
नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का जन्म 1 मार्च 1951 को बिहार के बख्तियारपुर में हुआ था। उनके पिता, कविराज रामलखन सिंह, एक वैद्य थे। नीतीश कुमार का पालन-पोषण एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ, जहां उन्होंने शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया।
नीतीश कुमार ने पटना के नामी कॉलेज, बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (अब NIT पटना) से 1972 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की। उनके छात्र जीवन में ही उनका झुकाव राजनीति की ओर हो गया था, जब वे जयप्रकाश नारायण द्वारा संचालित समाजवादी आंदोलन से जुड़े। इस आंदोलन ने उन्हें सामाजिक और राजनीतिक न्याय के लिए लड़ने की प्रेरणा दी।
Table of Contents
नीतीश कुमार का राजनीति में प्रवेश (Nitish Kumar entry into politics)
1970 के दशक में, जब देश में जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में संपूर्ण क्रांति आंदोलन जोर पकड़ रहा था, नीतीश कुमार ने अपने इंजीनियरिंग करियर को छोड़कर राजनीति में कदम रखने का फैसला किया। यह कदम उनके जीवन का सबसे बड़ा मोड़ साबित हुआ। जयप्रकाश नारायण के आदर्शों से प्रेरित होकर, नीतीश कुमार ने राजनीति में अपना योगदान देने की ठानी।
उन्होंने भारतीय लोक दल से अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की और 1977 में बिहार विधान सभा के सदस्य बने। इसके बाद उन्होंने समाजवादी विचारधारा के तहत बिहार की राजनीति में अपनी जगह बनाई।
संसद और केंद्रीय मंत्री का सफर
नीतीश कुमार (Nitish Kumar) 1989 में पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए और वी.पी. सिंह की सरकार में केंद्रीय कृषि मंत्री बने। इसके बाद उन्होंने रेल मंत्री के रूप में भी कार्य किया, जहां उन्होंने रेलवे के आधुनिकीकरण और यात्री सेवाओं में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए।
जैसे 2002 में इंटरनेट टिकट बुकिंग की सुविधा, रिकॉर्ड संख्या में रेलवे टिकट बुकिंग काउंटर खोलना और तत्काल बुकिंग के लिए तत्काल योजना शुरू करना, उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने जनता के बीच एक कर्मठ और जिम्मेदार नेता की छवि बनाई।
हालांकि, वर्ष 1999 में हुए एक ट्रेन हादसा की जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने रेलवे मिनिस्टर पद से इस्तीफा दे दिया था।
मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार का सफर (Nitish Kumar journey as Chief Minister)
वर्ष 2000 में, नीतीश कुमार ने पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, (Nitish Kumar took oath as Chief Minister of Bihar for the first time in Years 2000) लेकिन यह सरकार केवल 7 दिनों तक ही चल पाई। इसके बावजूद, उन्होंने हार नहीं मानी और 2005 में, जनता दल (यूनाइटेड) और भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन के साथ फिर से चुनाव लड़ा। इस बार उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत हासिल किया और मुख्यमंत्री बने।
मुख्यमंत्री बनने के बाद, उन्होंने राज्य में सुशासन और विकास पर जोर दिया। बिहार में कानून व्यवस्था में सुधार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी, और आधारभूत संरचना के विकास के लिए उन्होंने कई महत्वपूर्ण नीतियां बनाई।
राजनीतिक उठापटक और निरंतरता
नीतीश कुमार के राजनीतिक सफर में कई बार उतार-चढ़ाव आए। 2013 में, उन्होंने भाजपा से नाता तोड़कर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ गठबंधन किया। 2015 में यह गठबंधन सफल रहा और नीतीश कुमार एक बार फिर मुख्यमंत्री बने। हालांकि, 2017 में उन्होंने फिर से भाजपा के साथ गठबंधन कर लिया और मुख्यमंत्री बने रहे।
इसके बाद वे फिर 2020 में एनडीए गठबंधन के साथ चुनाव लड़े और जीत हासिल के साथ मुख्यमंत्री बने रहें। लेकिन एकबार फिर 2022 में एनडीए से गठबंधन तोड़ राजद-कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई। लेकिन जनवरी 2024 में नीतीश कुमार फिर राजद से गठबंधन तोड़ एनडीए के खेमे में जा पहुंचे और पुनः मुख्यमंत्री की सपथ ली।
यह भी पढ़ें : बिहार में नीतीश कुमार का प्रभाव : प्रगति की ओर कदम और सामने आती चुनौतियाँ
निष्कर्ष
नीतीश कुमार का इंजीनियर से मुख्यमंत्री बनने तक का सफर एक प्रेरणादायक कहानी है। उन्होंने दिखाया कि अगर आपमें समाज सेवा की प्रबल इच्छा है, तो आप किसी भी क्षेत्र से राजनीति में आकर बदलाव ला सकते हैं। उनके कार्यों और नीतियों ने बिहार की राजनीति और समाज पर गहरा प्रभाव डाला है, और वे आज भी बिहार के सबसे महत्वपूर्ण नेताओं में से एक हैं।