आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एक विकसित हो रही तकनीक है, जो मशीनों का उपयोग करके मानव बुद्धि का अनुकरण करने की कोशिश करता है। इसके अलावे AI एक ऐसी मशीन है जो बुद्धिमान होता है, खुद से डाटा का एनालिसिस कर सकता है, भाषाओं को बोल एवं समझ सकता है, अन्य किसी भी कठिन सवाल का जवाब तलाश सकता है।
विकास के दौर में जहां सभी देश विकसित देशों के कतार में खड़े होने की होड़ में लगे है, इसी विकास के बीच कुछ लोग साइबर क्राइम जैसी घटनाओं को अंजाम देते है।
जिसमे से एक है डिपफेक (Deepfake): डिपफेक एक बहुत ही वास्तविक जान पड़ने वाली वीडियो होती है, जो लोगो के बीच गलत सूचनाओं का विस्तार करती है। कुछ महीनों पूर्व अभिनेत्री रश्मिका मंदाना का एक डिपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। जिसपर दर्शकों के भिन्न – भिन्न प्रक्रियाएं देखने को मिली थी।
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क्या है डिपफेक? (What is Deepfake?)
डिपफेक ‘डिप लर्निंग’ और फेक का सम्मिश्रण है। जिसमे AI की मदद से किसी मीडिया फाइल की नकली कॉपी बनाई जाती है। जो ठीक असली फाइल की तरह दिखती है।
क्या है डिपफेक का लाभ? (What is the benefit of Deepfake?)
जहां एक तरफ Artificial Intelligence (AI) के कई बड़े नुकसान है, तो कुछ फायदे भी देखने को मिलते है।
- यह किसी भी बौद्धिक कार्य को मनुष्य से बेहतर प्रदर्शन करने के लिए कंप्यूटर प्रणाली की क्षमता को संदभित करता है।
- जटिल समस्याओं को हल करता है।
- Artificial Intelligence (AI) मानवीय त्रुटि के साथ साथ इंसानों के लिए जोखिम भी कम करता है।
- Artificial Intelligence (AI) के जरिए कंप्यूटर सिस्टम या रोबोटिक सिस्टम तैयार किया जाता है, जिसे मानव मस्तिष्क के आधार पर चलाने का प्रयास किया जाता है।
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निष्कर्ष
इस प्रकार हम ये देखते है कि विज्ञान की नई-नई खोजों से हमे बहुत लाभ मिलता है, तो दूसरी तरफ ये साइबर क्राइम को भी बढ़ावा देता है। जिसके आए-दिन कई उदाहरण देखने को मिले है। इसलिए वर्तमान समय के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के साथ-साथ हमें सजग एवं सचेत रहने का भी प्रयास करना चाहिए।